चाँदपुर की चंदा: कहानी जैसे फिल्म

चाँदपुर की चंदा: कहानी जैसे फिल्म

“चाँदपुर की चंदा” पढ़ोगे तो लगेगा जैसे कोई फिल्म चल रही हो—गाने भी, मस्ती भी, और थोड़ा ड्रामा भी। अतुल कुमार राय की ये किताब बाकी कहानियों से हटकर है—सीधी-सरल भाषा में दिल छू लेने वाली बातें।
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पुस्तक समीक्षा : दीवार में एक खिड़की रहती थी (Dewaar Me Ek Khidki Rehti Thi)

दीवार में एक खिड़की रहती है। कोई बड़ा दुनिया बदल देने वाला वाक्या इसमें नहीं है और न ही किसी क्रांति की बात की जाती है। होता है सादा जीवन और उसका सरल-सीधा विस्तार। 1997 में प्रकाशित और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित यह उपन्यास एक छोटे शहर के महाविद्यालय के युवा गणित व्याख्याता रघुवर प्रसाद और उनकी पत्नी सोनसी की कहानी है।